सूर्य के रूप को अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि जन्मपत्री में सूर्य की परिस्थिति हमारे रूप को प्रभावित करती है।
सूर्य का शरीर व मुखाकृति चोकोर हैं। आंखें हैं शहद के रंग की भांति हल्की भूरी। सूर्य का हट्टा-कट्टा शारीरिक ढांचा, कम व घुंगराले बाल, राजसिक रूप और मध्यम आकार वाला शरीर है। सूर्य के पास है निडर और स्थिर दृष्टि। सूर्य की सुनहरी या तांबे जैसी आभा है जिसके चरण अप्रकट या अगोचर हैं। वे भगवा रंग के कपड़े पहनते हैं और अपने हाथ में एक लाल कमल का पुष्प धारण किए हैं।
हमारे सूर्य का नाम विवस्वान है, जो महाऋषि कश्यप के पुत्र हैं, जो ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि मरीचि के पुत्र हैं। ब्रह्मा जी, जो स्वयं सृष्टि करता (सृजनकरता) हैं के वंश के होने के कारण सूर्य को उत्पत्ति अर्थात सृजन से जोड़कर देखा जाता है। सभी ग्रह नक्षत्रों में सूर्य को पिता कारक कहा गया है।
हमारे सूर्य को और भी कई नामों से परिभाषित किया गया है, जैसे प्रकाशमान करने वाला, ग्रहों का राजा, दीप्तिमान, चमकीला, आत्मकारक, क्रूर, तीखा, तीव्र व प्रचंड, ‘समृद्धि, धन, संपत्ति प्रदान करने वाला', मौलिक ज्ञान देने वाला, इत्यादि। इन नामों से सूर्य की प्रकृति व गुण दृश्यमान होते हैं।